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Nov 14, 2013

राजस्थान चुनाव : कई सीटों पर लामबंद हुए राजपूत मतदाता

राजस्थान में चुनाव प्रचार अपनी गति पकड़ चुका है, चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के साथ ही अलग अलग जातियों के सामाजिक संगठन भी पार्टी लाइन से ऊपर उठ अपनी अपनी जातियों के ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार विधानसभा में भेजने को सक्रीय है तो कुछ सामाजिक संगठन पार्टी विशेष से सांठ-गाँठ कर अपने जातीय वोटों का सौदा कर अपने निजी हित साधन में लगे है|


विभिन्न क्षेत्रों से मिल रही ख़बरों के अनुसार शिव विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के बागी उम्मीदवार जालम सिंह को राजपूत समाज ने मनाकर भाजपा के मानवेन्द्र सिंह की जीत का रास्ता खोल दिया तो ओसियां विधानसभा से कांग्रेस के नेता स्व. नरेंद्र सिंह भाटी के पुत्र को टिकट नहीं मिलने से नाराज राजपूत समाज ने लामबंद होकर चुनाव मैदान में स्व. भाटी के पुत्र मृगेंद्र सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया है|

ज्ञात हो राजस्थान के राजपूत परम्परागत तौर पर भाजपा के समर्थक रहे है पर इन चुनावों में भाजपा द्वारा कई क्षेत्रों में समाज को तरजीह न देने के चलते राजपूत समाज ने दबाव की नीति अपनाई और अजमेर जिले की एक सीट सहित कई सीटों पर पार्टी आलाकमान के ना चाहते हुए राजपूत प्रत्याशियों को ऐन वक्त पर टिकट देना पड़ा|

अलवर के बानसूर व अलवर शहर से राजपूत समाज द्वारा चुनाव मैदान में उतारे प्रत्याशियों के साथ भी समाज के मतदाता लामबंद हो रहे है, समाज के आदेश से अलवर जिले की बानसूर सीट से चुनाव लड़ रहे रमेश सिंह शेखावत ने दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की नींद उड़ा रखी है पर उनकी मजबूत स्थिति से सबसे ज्यादा नुकसान मौजूदा भाजपा विधायक रोहताश शर्मा को उठाना पड़ रहा है, बानसूर में अब तक अजय समझे जाने वाले रोहताश शर्मा अब चुनावी मुकाबले में तीसरे नंबर पर चल रहे है| बानसूर में राष्ट्रीय दलों के बहकावे में आकर एक अन्य निर्दलीय राजपूत उम्मीदवार सूबेसिंह चौहान ने समाज के अनुरोध व दबाव के चलते चुनाव लड़ने पर पुनर्विचार करने का समाज को आश्वासन दिया है, वहीँ खीमसर व सार्दुलपुर विधानसभा में राजपूत समाज बसपा से चुनाव लड़ रहे राजपूत प्रत्याशियों के पक्ष में लामबंद है|

वसुंधरा राजे के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बने डीडवाना विधान सभा क्षेत्र में मुकाबला रोचक मोड़ पर पहुँच चुका है, यहाँ वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे युनुसखान भाजपा से चुनाव लड़ रहे पर बसपा उम्मीदवार श्यामप्रताप राठौड़ की स्थिति मजबूत होने के चलते यहाँ भाजपा मुकाबले में तीसरे स्थान पर खिसक गई है| डीडवाना क्षेत्र में आम राजपूत मतदाता जहाँ बसपा उम्मीदवार श्याम प्रताप सिंह के साथ लामबंद हो रहे है वहीँ राजपूत समाज का एक सामाजिक संगठन प्रताप फाउंडेशन समाज के एक अग्रणी संगठन क्षत्रिय युवक संघ प्रमुख का भाजपा के युनुसखान को समर्थन देने के लिए फ़तवा लिए क्षेत्र में घूम रहा है जिसके खिलाफ स्थानीय युवाओं में भारी रोष है|

सामाजिक कार्यकर्त्ता सुरेन्द्र सिंह थेपड़ी के अनुसार क्षेत्र के कई युवा उक्त सामाजिक संगठन के लोगों का काला मुंह करने को उतावले हो रहे है पर युवाओं को ऐसा करने से खुद बसपा उम्मीदवार ने यह कहकर रोक रखा है कि वे भी समाज के बुजुर्ग लोग है समय आने पर हो सकता है उन्हें भी सद्बुद्धि आ जाये! पिछले दिनों डीडवाना के दौरे पर गई राजपूत वर्ल्ड व हमारा मेट्रो दैनिक समाचार पत्र की टीम के सामने उक्त संगठन के खिलाफ कई युवा नेताओं ने रोष व्यक्त किया| राजपूत युवा परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष उम्मेद सिंह करीरी ने तो इस संगठन को भाजपा को जर खरीद गुलाम तक कहते हुआ बताया कि ये जहाँ एक तरफ समाज के नाम पर समाज के साथ गद्दारी कर रहे है वहीँ भाजपा के साथ भी यह संगठन धोद, दांता रामगढ़ आदि जगह माकपा का समर्थन कर गद्दारी कर रहे है| उम्मेद सिंह करीरी के अनुसार उक्त संगठन के लोग समाज सेवा की आड़ में अपने तुच्छ राजनैतिक स्वार्थो की पूर्ति में लगे है| इसके विपरीत क्षत्रिय वीर ज्योति के प्रयासों की इन सभी विधान सभा क्षेत्रों के युवाओं ने सराहना की|

ज्ञात हो क्षत्रिय वीर ज्योति इस बार राजस्थान विधान सभा में सभी दलों से ४० राजपूत विधायकों को पहुंचाने की रणनीति पर कार्य कर रही है, साथ ही क्षत्रिय वीर ज्योति के मिशन के आगे बढाने हेतु भारतीय शक्ति दल भी चुनाव प्रचार में कूद गया, दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.वी.पी.सिंह जल्द ही राजस्थान दौरे पर जाने की तैयारी कर रहे है|

प्रताप फाउंडेशन के कृत्यों पर सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह व राजपूत युवा परिषद् के अध्यक्ष उम्मेद सिंह करीरी से राजपूत वर्ल्ड टीम की खास बातचीत -

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