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Jul 21, 2013

साइबर युद्धों का आगाज़

आज अपने एक फेसबूक फ्रेंड श्री बिक्रम सिंह जी से एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दे पे लगभग एक घंटे से भी ज्यादा समय  तक फोन पे बातचीत हुई । मुद्दा था जाटलेंड  वैबसाइट का, जिसमे  जाटों का ऐसा इतिहास लिखा गया है । उसके अनुसार  इतिहास मे  सिर्फ "जाट" ही थे "राजपूत" नामक समुदाय तो कहीं दूर दूर तक था ही नहीं । इस लेख के अंत मे आपको उस तथाकथित वेबसाइट का लिंक मुहैया करवाया जाएगा। हम मानते हैं की ऐसे उल्टा सीधा लिखने वाले हमारे आदिकाल से चले आ रहे अस्तित्व को नहीं मिटा पाएंगे लेकिन चिंता का विषय ये था की कल को आने वाली पीढ़ियाँ वही पढ़ेगी जो इंटरनेट पे उपलब्ध होगा , क्योकि उस वक़्त किताबों का अस्तितव भी  टेलीग्राम की तरह विलुप्त हो चुका होगा। आज जिस तरह चारों तरफ से इतिहास से  राजपूत शब्द को खुरचा जा रहा है उस से  इस शब्द का अस्तित्व  बहुत ही सीमित जान पड़ता है । जाटलेंड पे लिखे गए लेखों के आगे "जोधा-अकबर" का मुद्दा बौना लगता हैं।

 

उस वैबसाइट  के अनुसार तो राजपूतों की उत्पत्ति ही संदेहास्पद है। लेकिन जो भी हो जितनी चालाकी से और पूरे हास्यास्पद उदाहरण देकर जो लिखा गया है वो बहुत कुछ सोचने पे मजबूर करता है । आज तलवारों  से लड़े जाने वाले युद्धों का वक़्त गुजर चुका ये "साइबर युद्धों" का युग है ,इसलिए इसमे  भी हमे अपना अस्तित्व बनाए रखना होगा ,वरना  विलुप्तता बाहें फैलाएँ खड़ी है।  राजपूतों पे अक्सर "जातिवाद" का आरोप लगता रहा है लेकिन इतिहास गवाह है राजपूतों ने सदा गरीबों और मज़लूमों का साथ  दिया है। लेकिन आज जिस तरह राजपूतों के गौरवमयी इतिहास को दूषित करके उनको दुराचारी बताने की कोशिश की जा रही है  उससे निकट  भविष्य मे  परिणाम घातक हो सकते हैं ।

 

कथित वैबसाइट पे जारी लेखो से साफ विदित होता है की हमारे इतिहास से छेड़छाड़ करके उसे अपना बताकर रंगे सियार की कहानी को दोहराने की कोशिश की गई है।  लेकिन हमे अब इनको जवाब देना होगा और वो भी इन्ही के तरीके से। वैसे सब जानते है  राजपूत एक ऐसा समुदाय है जिसने बहुत बरसों तक राज किया, उनके महल किले आज भी देश के लगभग हर शहर मे मिल जाएंगे इसलिए हमे कोई सबूत देने की जरूरत नहीं , मगर आज के दौर मे बिना सबूत तो इंसान अपने आप को जिंदा भी नहीं बता सकता,सके लिए भी सबूत देना पड़ता है। इसलिए मजबूरीवश हमे जौहर और शाका साइबर के मैदान मे भी दोहराने होंगे और इन जातिवाद फैलाने वालों को उनकी औकात बतानी होगी।

 
-विक्रम
 

 

 

 

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