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Jul 8, 2013

गुमला का प्राचीन दुर्गा मंदिर


झारखंड प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे गुमला जिला जंगल, पहाड़, नदी व नालों से घिरा हैं। यहां शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा पूजा का इतिहास काफी प्राचीन है। नागवंशी राजाओं ने जिले के पालकोट प्रखंड में सर्वप्रथम दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी। नागवंशी राजाओं द्वारा निर्मित मंदिर व मूर्ति आज भी साक्षात पालकोट में है। नागवंशी महाराजा यदुनाथ शाह ने 1765 में दुर्गा पूजा की शुरुआत की थी। यदुनाथ शाह के बाद उनके वंशज विश्वनाथ शाह, उदयनाथ शाह, श्यामसुंदर शाह, बेलीराम शाह, मुनीनाथ शाह, धृतनाथ शाहदेव, देवनाथ शाहदेव, गोविंद शाहदेव व जगरनाथ शाहदेव ने इस परंपरा को बरकरार रखा।

उस समय मां दशभुजी मंदिर के समीप भैंस की बलि देने की प्रथा थी। लेकिन जब कंदर्पनाथ शाहदेव राजा बने, तो उन्होंने बली प्रथा समाप्त कर दी। यहां दुर्गा पूजा 246 वर्ष पुराना है। पर, आज भी पालकोट के दशभुजी मंदिर विश्व विख्यात है। यहां दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। मां दशभुजी से दिल से मांगी गई मुराद पूरी होती है। गोविंदनाथ शाहदेव व दामोदरनाथ शाहदेव आज भी अपनी वंशजों की परंपरा को बरकरार रखे हैं।

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