पहले आध्यात्मिक विकास के लिए किये जाने वाले प्रयत्नों को ही धर्म के नाम से संबोधित किया जाता था| किन्तु आजकल धर्म शब्द का अभिप्राय बिल्कुल भ...
Dec 27, 2011
Dec 21, 2011
हमारी भूलें : भविष्य की कल्पना में दुबे रहना
Gyan Darpan 7:45 PM
क्रांतदर्शी होने का तात्पर्य है,आर पार देखने की सामर्थ्य| अर्थात वतमान को छोड़कर भविष्य को देख लेने की सामर्थ्य| यह एक गुण है खास तौर से नेतृ...
Dec 19, 2011
हमारी भूलें : दुनियां का अंधानुकरण करना
Gyan Darpan 10:00 PM
हमारा समाज ही नहीं संसार के अधिकांश लोग अंधानुकरण करने के अभ्यस्त होते है| तथा अंधानुकरण को बनाये रखने के लिए उनका सबसे तर्क होता है कि दुन...
Dec 16, 2011
हमारी भूलें : जीवन मे जटिलता को अपना लेना
Gyan Darpan 6:50 PM
भगवान ने सृष्टि की रचना बहुत सरल रूप से की है| इसकी हर चीज सहज रूप से पैदा होती है, विकसित होती है व विनाश को प्राप्त होती है|उसमे कहीं भी ज...
Dec 15, 2011
हमारी भूलें : मात्र भूलों को खोजते रहना
Gyan Darpan 7:40 AM
अपनी भूलों को खोजना, उनकी चर्चा, उनका प्रचार करना, यह आत्मनिंदा की परिभाषा में आता है व आत्म निंदा आर्यों का धर्म नहीं है| श्रेष्ठ लोग अपनी ...
Dec 8, 2011
हमारी भूलें : उत्साह व उत्सव विहीन जीवन
Gyan Darpan 9:09 AM
क्षात्र-धर्म वीरों का है| हिंदी साहित्य का जिन्होंने अध्यन किया है, वे जानते है कि वीर रस का स्थाई भाव उतशाह है| अर्थात जिस काव्य में आदि से...
Dec 3, 2011
हमारी भूलें : काल धर्म की उपेक्षा करना
Gyan Darpan 7:55 PM
युगधर्म के नाम पर आज संगठन की शक्ति की बात की जाती है| हम देख भी रहे है कि संसार के अधिकांश देशों में राजतंत्र, संगठनों की शक्ति द्वारा संचा...