-->

Sep 29, 2010

हमारा धर्म

कुमारी उत्तम कँवर नरुका-
है कौनसा ऐसा हमारा कर्म ?
है कौनसा ऐसा हमारा धर्मं ?
जो हम सब के मन को भाया !
जिससे इतिहास हमने बनाया ! !

पूर्वजो ने हमारे नाम कमाया !
इस धरा को हमने भारत बनाया !!
जिसके पालम को तत्पर रहते हम !
सर कट जाने पर भी लड़ते हम ! !

जहाँ पर मोल रहता था हरदम !
नमक का ज्यादा खून का कम ! !
उस से ही हमने सृष्टि को बचाया !
इसीलिए प्रजाने हमको राजा बनाया !!

फिर क्यों हमने उसे आज भुलाया है ?
चलो सबको कृष्ण ने रण में बुलाया है ! !
वही लक्ष्य हमारा वही है , हमारा धर्म !
वही है हम सबका प्यारा, क्षात्र-धर्म !!


पाबूजी राठौड़
गधा सम्मेलन के लिये ताऊ का सोंटा (Taau's Baton) रवाना
मेरी शेखावाटी

Share this:

Related Posts
Disqus Comments